Not known Factual Statements About best hindi story
Not known Factual Statements About best hindi story
Blog Article
Biju Irrespective of having not attended school or universities, dedicated his lifetime to Studying as much as he can with regard to the trade that his …
All over the web pages of our e-book, small children will sign up for Leo and his mom as they go over the necessity of correct hand washing.
वहां अचानक ढेर सारे हिरनी का झुंड आ गया।
मोती ने गाय को गले लगा लिया, बचाने के लिए धन्यवाद कहा।
केवल पांडे आधी नदी पार कर चुके थे। घाट के ऊपर के पाट मे अब, उतरते चातुर्मास में, सिर्फ़ घुटनों तक पानी है, हालाँकि फिर भी अच्छा-ख़ासा वेग है धारा में। एकाएक ही मन मे आया कि संध्याकाल के सूर्यदेवता को नमस्कार करें, किंतु जलांजलि छोड़ने के लिए पूर्वाभिमुख शैलेश मटियानी
अंजलि ने उत्तर दिया, “सर्दी आ रही है, गैरी। तैयार रहना महत्वपूर्ण है।”
किसी जगह पर पीपल का एक बहुत बड़ा पेड़ था। वहां रहने वाले लोगों का यह मानना था की यह पीपल का पेड़ बहुत पवित्र है। कुछ समय बीता, वहां केराजा की एक बेटी हुई। बेटी का नाम रूपा रखा गया। रूपा को बाग़-बगीचे में खेलना बहुत अच्छा लगता था। जैसे ही रूपा की पढ़ाई पूरी होती, वह सीधे राज बगीचे में खेलने चली जाती।
मुकेश जब भी स्कूल जाता उसे रास्ते में कूड़ेदान से होकर गुजरना पड़ता था।
पंडित जी ने प्रसाद में मिले चावल दाल और फलों को आंगन में रखा हुआ था। चिड़िया ने देखा और बच्चों के लिए अपने मुंह में ढेर सारा चावल रख लिया। और झटपट वहां से उड़ गई।
कोई बच्चा गलती से उस गली में निकल जाता तो , उसके हाथों से खाने की चीज छीन कर भाग जाता ।
निस्वार्थ भाव से व्यक्ति को मित्रता करनी चाहिए। संकट में मित्र ही काम आता है।
The poet employs a unique mixture of philosophical insights, vivid imagery, and rhythmic verses to create a perform that resonates with viewers, creating this a timeless and celebrated piece of Hindi literature. The poem has gained widespread acclaim for its depth, common themes, as well as the website lyrical natural beauty of its verses, developing Harivansh Rai Bachchan as One of the more influential poets in Indian literature.
गाय को अपनी ओर आता देख सभी लड़के नौ-दो-ग्यारह हो गए।
सिद्धेश्वरी ने खाना बनाने के बाद चूल्हे को बुझा दिया और दोनों घुटनों के बीच सिर रखकर शायद पैर की उँगलियाँ या ज़मीन पर चलते चीटें-चींटियों को देखने लगी। अचानक उसे मालूम हुआ कि बहुत देर से उसे प्यास लगी हैं। वह मतवाले की तरह उठी और गगरे से लोटा-भर पानी अमरकांत